अकसर भुल जाती हूँ मैं तुम्हें शाम की चाय में चीनी की तरह,
फिर जिंदगी का फीकापन तुम्हारी कमी का एहसास दिला देता है!
छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है,
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है|
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली|
महफ़िल भले ही प्यार वालों की हो,
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शराबीही लाता हैं|
रूकता भी नहीं ठीक से चलता भी नही,
यह दिल है के तेरे बाद सँभलता ही नही|
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को,
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर,
जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो|
इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता|
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल,
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई|
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ये नादान दिल,
कुछ लोग टुट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर|
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं|
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू|
अंदाज़ बदलने लगते हैं होठों पे शरारत होती,
है, नजरों से पता चल जाता है जिस दिल में मोहब्बत होती है|
क्या कशिश थी उस की आँखों में.. मत पूछो,
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये|
तुम्हारा क्या बिगाड़, था जो तुमने तोड़ डाला है,
ये टुकडे मैं नही लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो!
फिर जिंदगी का फीकापन तुम्हारी कमी का एहसास दिला देता है!
छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है,
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है|
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली|
महफ़िल भले ही प्यार वालों की हो,
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शराबीही लाता हैं|
रूकता भी नहीं ठीक से चलता भी नही,
यह दिल है के तेरे बाद सँभलता ही नही|
मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को,
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर,
जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो|
इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता|
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल,
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई|
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ये नादान दिल,
कुछ लोग टुट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर|
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं|
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू|
अंदाज़ बदलने लगते हैं होठों पे शरारत होती,
है, नजरों से पता चल जाता है जिस दिल में मोहब्बत होती है|
क्या कशिश थी उस की आँखों में.. मत पूछो,
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये|
तुम्हारा क्या बिगाड़, था जो तुमने तोड़ डाला है,
ये टुकडे मैं नही लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो!

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