वो मेरी हर दुआ में शामिल था,
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया|
न रूठ जाओ तुम मेरी वफाओं से,
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही,
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही|
नहीं अब जख़्म कोई ग़हरा चाहिये,
बस तेरी दुआओं का पहरा चाहिये।
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!
तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए,
वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी,
और उसकी हर दुआ पूरी हो, यह मेरी दुआ थी।
तरीका मेरे क़त्ल का, ये भी इजाद करो,
कि मर जाऊँ मै हिचकियो से, मुझे इतना याद करो|
गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती|
जब फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना,
एक वो ही है मेरा हमराज तेरे जाने के बाद|
नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था,
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो|
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई|
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो।
अमीरों के लिए बेशक तमाशा है ये जलजला,
गरीब के सर पे तो आसमान टुटा होगा|
मरहम लगा सको तो गरीब के जख्मो पर लगा देना,
हकीम बहुत है बाजार में अमीरो के इलाज खातिर|
जो किसी और को बिन मांगे मिल गया|
न रूठ जाओ तुम मेरी वफाओं से,
मै खुद मना लूंगा तुम्हे दुआओं से।
दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही,
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही|
नहीं अब जख़्म कोई ग़हरा चाहिये,
बस तेरी दुआओं का पहरा चाहिये।
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!
तेरी मोहब्बत की तलब थी इस लिए हाथ फैला दिए,
वरना हमने तो कभी अपनी ज़िंदगी की दुआ भी नही माँगी।
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी,
और उसकी हर दुआ पूरी हो, यह मेरी दुआ थी।
तरीका मेरे क़त्ल का, ये भी इजाद करो,
कि मर जाऊँ मै हिचकियो से, मुझे इतना याद करो|
गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती|
जब फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना,
एक वो ही है मेरा हमराज तेरे जाने के बाद|
नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था,
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो|
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई|
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो।
अमीरों के लिए बेशक तमाशा है ये जलजला,
गरीब के सर पे तो आसमान टुटा होगा|
मरहम लगा सको तो गरीब के जख्मो पर लगा देना,
हकीम बहुत है बाजार में अमीरो के इलाज खातिर|

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