आज इतना जहर पिला दो कि सांस तक रुक जाए मेरी,
सुना है कि सांस रुक जाए तो रूठे हुये भी देखने आते है…!
काश तू बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे,
जब मैं रूठूँ तो तू मुझे मना ले!
तुझ से रूठने का हक है मुझ को,
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता|
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
हौसला रखो उसे मनाने का,
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी,
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे!
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे बजूद को तरसेगी|
अब जो रूठोगे तोह हार जाउंगी,
मानाने का हुनर भूल चुकी हु|
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा|
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए।
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाव नहीं,
हँसा हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगो को।
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ-बेखबर,
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो|
हर किसी पर दोस्तों ऐतबार मत करना,
धोखेबाजों के लिए ज़िन्दगी बर्बाद मत करना|
बर्बाद होने के और भी रास्ते थे,
ना जाने मुझे मोहब्बत का ही ख्याल क्यूँ आया|
ना मैं शायर हूँ ना मेरा शायरी से कोई वास्ता,
बस शौक बन गया है, तेरी यादो को बयान करना|
सुना है कि सांस रुक जाए तो रूठे हुये भी देखने आते है…!
काश तू बस इतनी सी मोहब्बत निभा दे,
जब मैं रूठूँ तो तू मुझे मना ले!
तुझ से रूठने का हक है मुझ को,
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता|
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
हौसला रखो उसे मनाने का,
वो रूठ जाता है इसी बहाने से|
अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी,
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे!
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे बजूद को तरसेगी|
अब जो रूठोगे तोह हार जाउंगी,
मानाने का हुनर भूल चुकी हु|
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा|
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए।
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाव नहीं,
हँसा हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगो को।
कहाँ ढूँढ़ते हो तुम इश्क़ को ऐ-बेखबर,
ये खुद ही ढून्ढ लेता है जिसे बर्बाद करना हो|
हर किसी पर दोस्तों ऐतबार मत करना,
धोखेबाजों के लिए ज़िन्दगी बर्बाद मत करना|
बर्बाद होने के और भी रास्ते थे,
ना जाने मुझे मोहब्बत का ही ख्याल क्यूँ आया|
ना मैं शायर हूँ ना मेरा शायरी से कोई वास्ता,
बस शौक बन गया है, तेरी यादो को बयान करना|

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