तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की,
सब की मरम्मत मुमकिन है एतबार के सिवा|
आप जब तक रहेंगे आंखों में नजारा बनकर,
रोज आएंगे मेरी दुनिया में उजाला बनकर|
रिवाज तो यही हे दुनिया का मिल जाना और बिछड जाना,
तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो|
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं|
दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे,
तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया|
जब जी चाहे नई दुनिया बना लेते है लोग,
एक चेहरे पे कई चहरे लगा लेते है लोग|
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था!!
जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब,
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब।
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर,
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।
मोत से तो दुनिया मरती हैं,
आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं|
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं|
उम्र गुजार दी मैने गमो के कारोबार मे,
खुदा जाने सुकून बिकता कहा है?
चेहरे ‘अजनबी’ हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन...
रवैये ‘अजनबी’ हो जाये तो बडी ‘तकलीफ’ देते हैं!
तेरा प्यार भी एक हजार की नोट जैसा है,
डर लगता है कहीं नकली तो नहीं|
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।
सब की मरम्मत मुमकिन है एतबार के सिवा|
आप जब तक रहेंगे आंखों में नजारा बनकर,
रोज आएंगे मेरी दुनिया में उजाला बनकर|
रिवाज तो यही हे दुनिया का मिल जाना और बिछड जाना,
तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो|
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं|
दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे,
तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया|
जब जी चाहे नई दुनिया बना लेते है लोग,
एक चेहरे पे कई चहरे लगा लेते है लोग|
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था!!
जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब,
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब।
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर,
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।
मोत से तो दुनिया मरती हैं,
आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं|
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं|
उम्र गुजार दी मैने गमो के कारोबार मे,
खुदा जाने सुकून बिकता कहा है?
चेहरे ‘अजनबी’ हो जाये तो कोई बात नही, लेकिन...
रवैये ‘अजनबी’ हो जाये तो बडी ‘तकलीफ’ देते हैं!
तेरा प्यार भी एक हजार की नोट जैसा है,
डर लगता है कहीं नकली तो नहीं|
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।

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