हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।
ना शौक दीदार का, ना फिक्र जुदाई की,
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग … जो, मोहब्बत नहीँ करतेँ!
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरजस्ती नहीं होती!
मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो ‘दोस्तों’,
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा नहीं मिलती|
चाहो तो छोड़ दो.. चाहो तो निभा लो,
मोहब्बत तो हमारी है.. पर मर्जी सिर्फ तुम्हारी है|
अजीब खेल है इस मोहब्बत का,
किसी को हम न मिले और न कोई हमे मिला।
मोहब्बत वक़्त के बे-रहम तूफान से नही डरती,
उससे कहना, बिछड़ने से मोहब्बत तो नही मरती|
अरे कितना झुठ बोलते हो तुम,
खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है|
इश्क मोहब्बत की बातें कोई ना करना,
एक शख्स ने जी भर के हमे रुलाया जो है|
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे|
तेरी दुनिया का यह दस्तूर भी अजीब है ए खुदा,
मोहब्बत उनको मिलती है, जिन्हें करनी नहीं आती|
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब कुछ #छीन लेती है,
मैंने तो मोहब्बत करके, ग़म का खजाना पा लिया|
सुनो! बार बार मेरी प्रोफाइल खोल के तस्वीर ना देखा करो,
नज़र मोहब्बत की होगी तो नज़र लग जाऐगी!!
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे,
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे|
मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें अधूरी रही,
इक मै तुझे बता नही पाया, और दूसरी तूम समझ नही पाये|

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