Thursday, 13 October 2016

2 Lines Shayari - एक पल...

 
    तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
    तो हम ‘बिखरने’ से लगते हैं|

    तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
    वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं!!

    कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी,
    मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी!

    ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
    मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।

    ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं,
    जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं|

    अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,
    एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे!

    सुख भोर के टिमटिमाते हुए तारे की तरह है,
    देखते ही देखते ये ख़त्म हो जाता है!

    इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी,
    मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया।

    जब भी अंधेरा गहराता है,
    उजाला उसका समाधान बनकर आ जाता है!

    वो इतना रोई मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए,
    मैं मरता ही क्यूँ अगर वो थोडा रो देती मुझे पाने के लिए!!

    लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ,
    ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला!!

    लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
    कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|

    हमे हारने का शोख नहीँ,
    बस हम खेलते हे उस अंदाज से की लोग मैदान छोड देते हैं|

    क्या ऎसा नहीं हो सकता के हम तुमसे तुमको माँगे,
    और तुम मुस्कुरा के कहो के अपनी चीजें माँगा नहीं करते!!

    काग़ज़ पे तो अदालत चलती है,
    हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

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