Sadma to hai mujhe bhi ki tujhse juda hu main,
Lekin yeh sochti hun ki ab kya teri hu main,
Bikhra pada hai tere hi ghar mera wajood,
Bekar ki mehfil mein tujhe dundhti hu main..
सदमा तो है मुझे भी की तुझसे जुड़ा हू मैं,
लेकिन यह सोचती हूँ की अब क्या तेरी हू मैं,
बिखरा पड़ा है तेरे ही घर मेरा वजूद,
बेकार की महफ़िल में तुझे डुनधती हू मैं..
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