Thursday, 13 October 2016

2 Lines Shayari - मेरे दिल...

 
    खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं,
    कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है..

    खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है,
    ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।

    हम भी बडे रहीश थे दिल कि दौलत लूटा बैठे,
    किस्मत एेसी पलटी ईश्क के धधे मे आ बैठे|

    तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
    जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!

    भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना,
    यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है!

    रंज़िश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ,
    आ फिरसे मुझे छोड़के जानेके लिए आ|

    नाराज़गी तो यहा हर किसी में भरी है,
    मेरे दिल को ही देख लो अपना होकर भी नाराज है।

    तुझे रख लिया इन यादों ने..फूल सा किताब में,
    इस दिल में तुम रहेगे सदा..और महकोगे इन साँसों में…।।

    तजुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लूँ,
    और दिल कहता हैं की ये तज़ुर्बा दोबारा कर लू|

    एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म,
    सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।

    रोती है आँख जलता है ये दिल जब,
    अपने घर के फेंके दिये से आँगन पराया जगमगाता है.

    दिल के किसी कोने में अब कोई जगह नहीं ऐ सनम,
    कि तस्वीर हमने हर तरफ तेरी ही लगा रखी है|

    सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो,
    मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…!

    ये झूठ है… के मुहब्बत किसी का दिल तोड़ती है,
    लोग खुद ही टुट जाते है, मुहब्बत करते-करत|

    दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं,
    बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं।

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